पहली बार सामने आया मुल्ला हसन अखुंद: इस्लामिक देशो से की तालिबान सरकार को मान्यता प्रदान करने की अपील

Mullah Hassan Akhund -1

पहली बार सामने आया मुल्ला हसन अखुंद: इस्लामिक देशो से की तालिबान सरकार को मान्यता प्रदान करने की अपील

अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता कायम करने के बाद से कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद सामने आया है। अखुंद ने बुधवार को दुनिया भर के देशों से अपील करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के प्रशासन को मान्यता देनी चाहिए। अखुंद ने आगे कहा कि सभी देशों को आगे आकर तालिबान के प्रशासन को मान्यता देनी चाहिए क्योंकि वह सभी जरूरी शर्तें पूरी करता है। अखुंद ने इस्लामिक देशों पर ज़ोर देते हुए अपील की है कि वे आगे आएं और तालिबान सरकार को मान्यता प्रदान करें। 

अखुंद ने आगे कहा कि, 'मैं इस्लामिक देशों से कहना चाहता हूं कि उन्हें तालिबान प्रशासन को मान्यता देना शुरू करना चाहिए।' आपको बता दे की प्रधानमंत्री बनने के बाद से अखुंद इस तरह पहली बार मीडिया के सामने आये और देशो से अपील की। तालिबान ने मुल्ला हसन अखुंद को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। लेकिन तब से अब तक चीन, रूस, अमेरिका, फ्रांस, भारत और जर्मनी समेत किसी भी देश ने तालिबान के प्रशासन को मान्यता नहीं दी है।

हालांकि पाकिस्तान ने कई बार इस सम्बन्ध में मांग की है की तालिबान प्रसाशन को मान्यता दे देनी चाहिए। पाकिस्तान का कहना है कि अगर ऐसा न किया गया तो फिर अफगानिस्तान में मानवीय संकट पैदा हो सकता है।

तालिबान ने अगस्त महीने में ही अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। लेकिन अमेरिकी सेनाओं ने 30 अगस्त की तारीख़ देश छोड़ने की रखी थी। उससे पहले ही तालिबान ने देश के हमले तेज कर दिए थे और सत्ता की बाग़डोर अपने हाथ में ले ली थी। लेकिन इसके बावजूद किसी भी देश ने अब तक उसे मान्यता प्रदान नहीं की है। अमेरिका ने तो अफगानिस्तान के बैंकों की जमा लाखों डॉलर की पूंजी को भी सीज कर दिया है। तालिबान ने इस रकम को भी रिलीज करने की कई बार अमेरिका से मांग की है। तालिबान का कहना है कि यदि इस रकम को जारी नहीं किया गया तो फिर देश का विकास नहीं हो पाएगा।

मोहम्मद शारिक सिद्दीकी